भारतीय कर प्रणाली की अवधारणा एवं कर के प्रकार

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Indian tax system,GST, Income tax

Tax system in India

टैक्स सिस्टम एक बड़ी वित्तीय पहेली की तरह होते हैं जिनका प्रभाव भारत में सभी पर होता है। टैक्स सरकार को देश का प्रशासन करने,आधारभूत संरचना  का निर्माण करने और महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने में मदद करता  हैं। लेकिन टैक्स सिस्टम काम कैसे करता हैं, वह समझना कठिन हैं, खासकर भारत में कई प्रकार के कर होने के कारण।

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इस ब्लॉग में, हम आपको भारत में टैक्स सिस्टम काम कैसे करता है   इस को सरल तरीके से समझाने का प्रयास करेगें। हम आपको बताएंगे कि टैक्स क्या होते हैं, वे क्यों महत्वपूर्ण होते हैं, और वे आपके जीवन पर कैसे असर डालते हैं। चाहे आप एक छात्र हों, एक करदाता हों, एक छोटे व्यवसाय के मालिक हों, या केवल भारत में कर प्रणाली के बारे में उत्सुक हों, तो यह ब्लॉग आपको इंडिया में tax system को समझने में मदद करेगा   इस ब्लॉग के अंत तक, आपके पास भारत में करों के काम करने की तस्वीर होगी और आप जान पाएंगे कि ये आपके वित्त और देश की अर्थव्यवस्था पर कैसे असर डालते हैं। चलिए इस टैक्स सिस्टम को समझने के सफर की शुरुआत करते हैं!

शुरू से शुरुआत/old indian tax system

टैक्स प्रणाली भारत में नई नहीं हैं, भारत में ये सदियों से चली आ रही हैं  राजा – महाराजा के समय में व्यापारी और किसान सोने, चांदी और कृषि से उत्पन्न अनाज को देकर टैक्स भरते थे, लेकिन आजादी के बाद सरकार ने एक नई सुव्यवस्थित टैक्स प्रणाली को लागू किया ताकि कर प्रणाली को और बेहतर बना सकें

सरकार टैक्स का इस्तेमाल कैसे करती हैं/how government use taxes

 how government build infrastructure

सरकार टैक्स से मिले धन को देश की आधारभूत संरचना और आय को पुनः वितरण की तरह उपयोग करती हैं, अगर आपको  “आय पुनः वितरण” का मतलब समझ में नही आया तो इसे एक उदाहरण से समझते हैं माना की सरकार ने एक उच्च आय वाले व्यक्ति पर टैक्स लगाया और टैक्स से प्राप्त धन को किसी निम्न आय या गरीब व्यक्ति के कल्याण के कार्य मे लगा दिया जैसे की उसे कम कीमत पर समान  उपलब्ध करा के या फिर किसी मूलभूत वस्तु को फ्री में उपलब्ध करा के जिससे की समाज में गरीबी और अमीरी की बीच की खाई को भरा जा सके

इंडिया में टैक्स कितने प्रकार के हैं/ Types of taxes in india 

types of tax, indirect & direct tax

  1. प्रत्यक्ष कर(Direct tax)

  2. अप्रत्यक्ष कर(Indirect tax)

प्रत्यक्ष कर(Direct tax):- इसका मतबल होता हैं  की व्यक्ति की आय पर लगने वाला टैक्स या इसे साधारण भाषा मे आय कर (income tax) भी कहते हैं। 

प्रत्यक्ष कर के निम्न भाग हैं

(a) Income tax:

व्यक्ति की आय पर लगने वाले टैक्स को income tax कहते हैं

अंकित नाम का एक व्यक्ति अपनी दुकान में मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बेचता हैं उसकी साल की आय 10 लाख हैं और सरकार इस आय पर 10 प्रतिशत टैक्स लेती हैं तो ankit को 10 लाख में से 10 प्रतिशत सरकार को देने होंगे यानी की 1 लाख और बाकी  के 9 लाख अंकित अपने उपयोग में ले सकता हैं

(b) Corporate tax :-

कॉर्पोरेट टैक्स भी direct tax का एक भाग हैं जो की किसी कंपनी के द्वारा कमाए गए लाभ पर लगता हैं

माना की एक xyz कंपनी जो की बिस्कुट का उत्पादन करती हैं, उसने एक फाइनेंशियल ईयर (1 अप्रैल से 31 मार्च तक को फाइनेंशियल ईयर कहते हैं) में 10 लाख का लाभ कमाया और और कॉर्पोरेट टैक्स रेट 10% हैं तो xyz कंपनी का कॉर्पोरेट टैक्स होगा  10,0000*10/100= 1,00,000

Note*:- कंपनी की आय पर टैक्स नही लगता बल्कि उसके लाभ पर टैक्स लगता हैं कंपनी की आय पर टैक्स लगाने से पहले उस मे से खर्चे पहले घटाए जाते हैं

(c) Capital gains tax :-

कैपिटल गैन्स टैक्स का तब लगता हैं जब व्यक्ति अपनी संपति बेचकर जो लाभ होता हैं उस पर लगने वाले टैक्स को capital gains tax कहते हैं

example :- माना की एक मोहित नाम के बंदे ने 10 लाख मे जमीन खरीदी और 10 साल बाद उस जमीन को 20 लाख मे बेच दिया तो उसे 10 लाख का प्रॉफिट हुआ तो  मोहित की कैपिटल में 10 लाख का वृद्धि हुई और टैक्स अधिनियम में माना की टैक्स की रेट 10 % हैं तो मोहित का कैपिटल gains tax हुआ 

10,0000*10/100 = 1,00,000

  1. Indirect tax:-  अप्रत्यक्ष कर यानी की वो टैक्स जो की किसी व्यक्ति पर न लगकर वस्तु या सेवा पर लगता हैं उसे Indirect tax कहते हैं

How indirect tax work

अब हम ने ये जान लिया हैं की indirect tax क्या होते हैं तो अब हम जानेंगे की ये का कैसे करते हैं

उपभोक्ता द्वारा चुकाया जाता हैं:- जब आप बाजार जाके कुछ समान जैसे की चॉकलेट, मोबाइल फोन या कोई अन्य जरूरत का समान खरीदेते हैं  तब उस समान की कीमत में पहले से ही टैक्स जुडा़ होता हैं और आप उस समान को खरीदेते समय ही टैक्स का भुगतान कर देते हैं

विक्रेता द्वारा टैक्स का संग्रहण:- आपके द्वारा समान पर दिये गये टैक्स को विक्रेता आगे सरकार को दे देता हैं और सरकार उस टैक्स का उपयोग जन कल्याण योजनाओ और देश में आधारभूत संरचना बनाने में उपयोग करती हैं

Types of indirect tax

(a) GST(good and service tax) 

(b)Customs duty 

Note:- भारत सरकार ने 2017 में नई टैक्स प्रणाली के तहत GST को लागू किया इसलिए आगे  के ब्लॉग मे हम हम GST पर ज्यादा बात करेंगें

तो चलिए मिलते है अगले ब्लॉग में