इंसानो पर किया गया सबसे खतरनाक प्रयोग सच या झूठ ?

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Russian sleep experiment
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क्या हो अगर में आपको कहूं की आपको 7 दिन बिना नींद लिए निकालने है, क्या आप इस टास्क को पूरा कर पाएंगे, नहीं आप 1 दिन में ही हार जाओगे, और अब आपके दिमाग में ये सवाल जरूर आ रहा होगा की एक इंसान कितने दिन बिना सोये रह सकता है और अगर इंसान 15 दिन तक न सोये तो उसके साथ क्या होगा, ऐसे पता नहीं कितने ही सवाल है इन्ही सवालों का जवाब जानने के लये कुछ वैज्ञानिको ने एक एक्सपेरिमेंट किया, और जिसका रिजल्ट इतना भयानक था की पूरी दुनिया डर से सिहर उठी और उस एक्सपेरिमेंट का नाम था “The Russian Sleep Experiment”

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द रशियन स्लीप एक्सपेरमेंट/The Russian Sleep Experiment

russian sleep experiment explained

जब पूरी दुनिया वर्ल्ड-वॉर सैकंड से जूझ रही थी तब पूरी दुनिया में अलग अलग देश अपनी मिलिटरी पावर को बढ़ाने में लगे हुए थे, हर देश चाहता था की उसके देश के सैनिक बिना रुके और जाबाजी से साथ लड़ाई करे हर देश अलग -अलग एक्सपेरिमेंट कर रहा था इस एक्सपेरिमेंट में एक था सोवियत यूनियन का स्लीप एक्सपेरिमेंट जो की बाद में इंटरनेट पर “द रशियन स्लीप एक्सपेरमेंट” के नाम से पॉपुलर हुआ , इस एक्सपेरमेंट का उद्देश्ये ये पता लगाना था की कोई इंसान कितने दिनों तक बिना नींद लिए रहा सकता है, और साथ ही ऐसी दवाई का अविष्कार भी करना जो की किसी भी इंसान की नींद को छू -मंतर कर दे ताकि इसका उपयोग सैनिको पर किया जा सके ताकि देश की सेना रात में भी दुश्मनो की सेना का सफाया कर सके और बिना रुके आगे बढ़ती रहे

शुरुवात/The Beginning

russian sleep experiment in hindi

इस एक्सपेरमेंट को अंजाम देने के लिए सोवियत के वैज्ञानिको ने युद्ध में पकड़े गए सैनिको में से 5 कैदियों से कहा की अगर वह इस एक्सपेरिमेंट के उनका साथ देंगे तो वह उन्हें आजाद कर देंगे। इस शर्त पर सभी कैदी एक्सपेरिमेंट में टेस्ट ऑब्जेक्ट के तरह काम करने ले किये तैयार हो गए ,उन पांचो कैदियों को एक बंकर ले जाया गया और बंकर में हर प्रकार की सुविधा दी गयी जिसमे की खाने – पिने से लेकर, पढ़ने के लिए बुक वगैरह में रखी गयी लेकिन सोने के लिए बेड नहीं रखा गया ताकि कैदी किसी भी हालत में सो न सके और साथ ही बंकर में एक माइक्रोफोन भी लगा दिया गया ताकि कैदियों की बातचीत को सुना जा सके और बंकर में ऐसी गैस को भी छोड़ा गया जो की उन्हें सोने न दे

फर्स्ट स्टेज/First Stage

Russian sleep experiment

शुरू के कुछ दिन तक तो बंकर का माहौल बढ़िया रहा सारे कैदी आपस में ठीक प्रकार से बात और हंसी-मजाक कर रहे थे, गैस की वजह से उनकी आँखों में नींद का कोई भी नामोनिसान नहीं था सब कुछ सही चला रहा था वैज्ञानिक सोच रहे थे की उनका एक्सपेरिमेंट अपनी कामयाबी की और बढ़ रहा था, कैदियों पर नजर रखने के लिए बंकर के एक तरफ पारदर्शी कांच लगा हुआ था जिससे वैज्ञानिक उन कैदियों बार-बार नजर बनाकर रखते थे।

सेकंड स्टेज/Second Stage

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जैसे -जैसे एक्सपेरिमेंट आग बढ़ रहा था वैसे -वैसे बंकर में हालत और ख़राब होते जा रहे थे। वैज्ञानिको ने पांचवे दिन देखा की बंकर में से आवाजे आना बंद हो गई है, कैदी धीरे-धीरे कुछ बड़-बड़ा रहे थे, बंकर में लगे मिक्रोफोनेस में केवल फुस-फ़ुसहाहट की आवाजे आ रही थी, वैज्ञानिको ने देखा की हर कैदी दूसरे कैदी से दूर बैठा है और कोई भी एक दूसरे से बात नहीं कर रहा है। कुछ वैज्ञानिक इस घटना को देखकर डर गए और उन्होंने इसे बंद करने को कहा लेकिन इस एक्सपेरिमेंट को बंद नहीं किया गया और इसे और आगे बढ़ाने के लिए बोल दिया और जैसे जैसे दिन बढ़ते गए बंकर की हालत और भंयकर और डरावनी होती गयी।

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थर्ड स्टेज/Third Stage

ये एक्सपेरमेंट अब अपने सबसे डरावनी और लास्ट स्टेज में पहुँच चूका था कुछ दिनों से बंकर में से आवाज आना बिलकुल बंद होगी न कोई भी कैदी मूवमेंट कर रहा था इसलिए वैज्ञानिको की टीम ने बंकर के अंदर जाकर कैदियों से मिलने का सोचा बंकर के अंदर जाने से पहले गैस को बंद कर दिया गया और बंकर के दरवाजे खोल दिए गए वैज्ञानिक जैसे ही अंदर गए वहां का नजारा देखकर चौंक गए उनमे से एक कैदी मरा हुआ था और उसके शरीर के कुछ हिस्से गायब थे और बाकि के कैदी भी अपने खुद के अंगो को खा रहे थे। और गैस के बंद होने के कारण वो कैदी चिल्ला रहे थे और कह रहे थे की अब उन्हें बाहर नहीं जाना उन्हें इसी बंकर में रहने दिया जाये और गैस को दुबारा चालू किया जाये, ये सब देखकर वैज्ञानकि और बाकी की पूरी टीम बहुत ज्यादा डर गयी और उन्होंने इस एक्सपेरिमेंट को बंद करने लिए दुबारा कहा लेकिन कैदी बाहर आने को तैयार भी नहीं हो रहे थे उन्होंने वैज्ञानिको की टीम पर हमला कर दिया पास खड़े कुछ सैनिको ने उन्हें गोली मर दी और एक कैदी को छोड़कर बाकि सब मर गए जब उस कैदी को बंकर से बाहर लाया गया तो उसकी मौत हो गयी और एक्सपेरिमेंट में शामिल कुछ लोग इस और आगे ले जाना चाहते थे लेकिन एक वैज्ञानिक ने सबको गोली मार दी और खुद भी आत्महत्या कर ली

क्या ये सच है या फिर झूठ/is the Russian sleep experiment real

रशियन स्लीप एक्सपेरमेंट के बारे में सबसे पहले पॉपुलर जब हुआ जब एक वेबसाइट Creepypasta पर पब्लिश हुआ ये एक ऐसी वेबसाइट है जिस पर दुनिया भर पॉपुलर हॉरर स्टोरी पर आर्टिकल लिखे जाते है उसके बाद ये स्टोरी the Russian sleep experiment के नाम से पूरी दुनिया में पॉपुलर हो गई लेकिन हम आपको बता दे की ऐसे किसी भी एक्सपेरिमेंट के कोई भी सबूत नहीं मिले है ये केवल एक फिक्शन स्टोरी है जिसे कुछ लोग सच मानते है और कुछ झूठ आपके इस स्टोरी के बारे में क्या विहार है हमे जरूर बताये

Source: Wikipedia | Creepypasta