जीडीपी क्या है, इसकी गणना कैसे की जाती है और यह कैसे काम करती है

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gdp kya hoti hai

GDP आपने ये नाम जरूर सुना होगा। लेकिन आपने कभी सोचा है की जीडीपी होती क्या है और ये कैसे काम करती है, और ये आम लोगो के जीवन को कैसे प्रभावित कराती है तो आईये जानते है।

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GDP क्या है/What is GDP

सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) का अर्थ होता है एक देश में उत्पन्न हुई सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य। यह एक निश्चित अवधि के दौरान मापा जाता है, जो आमतौर पर एक वर्ष की अवधि होती है।

GDP के मुख्य घटकों/Components of GDP

अब हम जानेगे की जीडीपी के मुख्य घटक कौन-कौन से है , जिससे GDP की गणना की जाती है।

निर्माण, बिक्री, और सेवाएं की मात्रा को मापने का एक मापदंड है जो किसी देश या क्षेत्र की आर्थिक संवृद्धि को दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है। यह मूलत: तीन मुख्य घटकों से मिलकर बना होता है:

1.व्यक्तिगत खर्च (Consumption): यह उत्पादों और सेवाओं की खरीदारी को दर्शाता है जो नागरिकों द्वारा की जाती है। इसमें खाद्य, कपड़ा, आवास, स्वास्थ्य सेवाएं, वाहन, विद्युत सामग्री, एंटरटेनमेंट, आदि शामिल होता है।

2.निवेश (Investment): यह उद्यमिता को बढ़ाने के लिए किए गए निवेशों को दर्शाता है, जैसे कि मशीनरी, संपत्ति, स्थापित उपकरण, और नई व्यवसायों में पूँजी का निवेश।

3.सरकारी खर्च (Government Expenditure): इसमें सरकार द्वारा किए गए खर्च को शामिल किया जाता है, जैसे कि राज्य के लिए जिम्मेदारियों के लिए वेतन, राज्य के विकास के लिए परियोजनाएं, और सार्वजनिक सेवाओं के लिए खर्च।

4.नेट निर्वाचन (Net Exports): इसमें एक देश द्वारा दुनिया को बेचे गए सामानों की मूल्य और दुनिया से खरीदे गए सामानों की मूल्य का अंतर शामिल होता है। यदि एक देश दुनिया को अधिक सामान बेचता है जिससे ज्यादा कीमत मिलती है, तो वह एक सकारात्मक नेट निर्वाचन (आयात से अधिक निर्यात) रखता है। यदि वह दुनिया से अधिक सामान खरीदता है, तो वह नकारात्मक नेट निर्वाचन (निर्यात से अधिक आयात) रखता है।

ये चारों घटक मिलकर एक देश की अर्थव्यवस्था में आय और विकास को मापने में मदद करते हैं

GDP की गणना कैसे की जाती है/How calculate GDP

जीडीपी की गणना करने के लिए मुख्य तीन तरीके हैं,

  1. प्रोडक्शन एप्रोच(production approach)
  2. एक्सपेंडिचर एप्रोच(Expenditure Approach)
  3. इनकम एप्रोच(income approach)

Note:-यह ध्यान देने योग्य है कि इन तीनों तरीकों से जीडीपी की गणना करने पर नतीजा एक समान ही प्राप्त होता है।

1. इनकम एप्रोच :- के अनुसार, जीडीपी का मूल्य देश में उत्पादित आय का उपयोग करके निर्धारित किया जाता है। इस तरीके में, आय के द्वारा देश की आर्थिक गतिविधियों का मापन किया जाता है और इसे जीडीपी के मूल्य के रूप में प्रदर्शित किया जाता है। यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक विश्लेषण तकनीक है जो देश की आर्थिक स्थिति को मापने में मदद करती है।

2. प्रोडक्शन एप्रोच में, उत्पादन के समय सभी मूल्यों का योग करके जीडीपी का मूल्य निकाला जाता है। इसमें टोटल सेल्स से इंटरमीडिएट इनपुट का मूल्य कम करके गणना की जाती है।

3. एक्सपेंडिचर एप्रोच में, अंतिम उपभोक्ता द्वारा खरीदे गए उत्पादों और सेवाओं का योग करके जीडीपी का मूल्य निकाला जाता है।

GDP क्यों महत्वपूर्ण है और ये कैसे हमे प्रभावित कराती है/Why GDP is Important & how GDP effect peoples

जीडीपी का महत्व आम जनता के लिए इसलिए होता है क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण मापक है जो सरकार और लोगों के लिए फैसलों के लिए उपयोगी होता है। यदि जीडीपी बढ़ रही है, तो देश में आर्थिक गतिविधियों में सुधार हो रहा है और सरकारी नीतियाँ प्रभावी हैं।

  1. यदि जीडीपी में गिरावट हो रही है, तो सरकार को नीतियों में सुधार करने की जरूरत होती है। जीडीपी डेटा का उपयोग सही निर्णय लेने में व्यापारिक समूह, स्टॉक मार्केट निवेशकों और नीति निर्धारकों द्वारा किया जाता है।
  2. जब अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन करती है, तो व्यापारिक समूह और निवेशक अधिक निवेश करते हैं। इससे उत्पादन में वृद्धि होती है और आर्थिक विकास होता है।
  3. जब जीडीपी में कमी होती है, तो लोग अपने खर्च को कम करते हैं और निवेशों में घटाव करते हैं, जिससे आर्थिक ग्रोथ पर असर पड़ता है। सरकार ऐसे समय में विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों को प्रोत्साहित करती है ताकि आर्थिक ग्रोथ में सुधार हो सके।
  4. इस प्रकार, जीडीपी डेटा नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और आर्थिक योजनाओं को तैयार करने के लिए उपयोगी होता है।

GDP की सीमाएं/GDP limits

जीडीपी (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट) की कुछ सीमाएँ हैं जो उसे समझाने में मदद करती हैं:

अनुप्रयोगी डेटा: जीडीपी मात्र बाजार में होने वाले व्यापारिक गतिविधियों को ही मापता है, जैसे की सामान खरीद-बिक्री या सेवाएं। इसमें घरेलू काम या सेवाएं शामिल नहीं होतीं जो लोग खुद करते हैं, और जो बाजार में नहीं आतीं।

गैर-आधिकृत डेटा: कई बार जीडीपी में उन सभी अर्थव्यवस्थाओं की जानकारी नहीं होती जो अनौपचारिक तरीके से चल रही होती हैं, जैसे की छोटे कामगार, किसानों की छोटी फसलें और गांवों में छोटे उद्योग।

सामाजिक और स्वास्थ्य: जीडीपी केवल आर्थिक क्षेत्र को मापता है, और यह नहीं देखता कि लोगों की स्वास्थ्य, शिक्षा, और जीवन की गुणवत्ता में कैसी हालत है।

वित्तीय असमानता की: यह नहीं दिखाता कि आर्थिक वृद्धि का फायदा सभी लोगों को हो रहा है या नहीं, जिसका मतलब यह है कि धन का बंटवारा समान नहीं हो सकता।