आपने T.V. और न्यूजपेपर में देखा और पढ़ा होगा की, इस देश की अर्थव्यवस्था में ग्रोथ हुई हैं या फिर इतनी % कमी आई हैं तथा विशेषज्ञों ने इस देश की GDP में इतनी% कि बढ़ोतरी का अनुमान लगाया हैं। इन सभी चीजों और आँकड़ो को देखकर आपके मन में यह सवाल जरुर आये होंगे।
- अर्थव्यवस्था क्या होती हैं
- अर्थव्यवस्था कैसे काम करती हैं
- G.D.P क्या होता हैं
- इसका मापन कैसे होता हैं
- अर्थव्यवस्था में कमी और वृद्धि से हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता हैं
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लेकिन उससे पहले हम अर्थव्यवस्था के इतिहास के बारे मे थोड़ा- बहुत जान लेते हैं भारत में अर्थव्यवस्था के बारे मे सबसे पुराना साक्ष्य “कौटिल्य के अर्थशास्त्र” में मिलता है (कौटिल्य को चाणक्य के नाम से भी जानते हैं) लेकिन अगर हम माॅर्डन अर्थव्यवस्था की बात करे तो “एडम स्मिथ” को माॅर्डन अर्थव्यवस्था का जनक कहा जाता हैं उन्होंने अपनी बुक “An inquiry into the nature and causes of wealth of nations” में अर्थव्यवस्था को धन प्रधान बताया है। यानी की एडम स्मिथ ने धन को केन्द्र में रखकर अपने विचार बताएं हैं। इसके साथ ही काफी सारे और भी अर्थशास्त्री हैं जिन्होंने अर्थव्यवस्था के लिए अपने- अपने विचार दिये हैं। लेकिन उनके विचारों का केन्द्र बिंदु अलग अलग हैं यानी की जैसे एडम स्मिथ ने धन प्रधान को केंद्र में रखकर अपने विचार बताएं हैं धन प्रधान के अलावा और कई विचार धारा हैं जैसे की
- कल्याण प्रधान
- विकास प्रधान
- आवश्यकता प्रधान
अर्थव्यवस्था क्या होती हैं/What is economy
देश में वस्तु व सेवाओं का उत्पादन उसका वितरण और उपभोग कैसे होता हैं, इस व्यवस्था को ही अर्थव्यवस्था कहते हैं। आइए इसे उदाहरण से समझते हैं।
माना की एक उत्पादक( जो वस्तु और सेवाओं का उत्पादन करता है) एक उत्पाद बनता हैं तथा उसे वितरक को बेच देता हैं तथा वितरक उसे उपभोक्ता को बेच देता हैं। इसे ही अर्थव्यवस्था कहतें हैं।
अर्थव्यवस्था कैसे काम करती हैं/How work economy
अर्थव्यवस्था में तीन फैक्टर प्रमुख होते हैं/ Factors of economy
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प्रोडक्शन(Production)
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वितरण (Distributions)
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उपभोग(Consumptions)
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- प्रोडक्शन:- प्रोडक्शन का मतलब हैं की किसी वस्तु या सेवा का निर्माण करना जैसे की फैक्टरी में मोबाइल का निर्माण करना, बैंक द्वारा धन संबंधी सेवा देना।
- वितरण:- वितरण का अर्थ हैं बनाये गए वस्तु को उसके उपयोगकर्ता तक पहुँचना
- उपभोग:- उपभोग का मतलब हैं की उपभोक्ता द्वारा उस वस्तु या सेवा का उपभोग करना
अगर आपको ऊपर लिखी बातें समझ में नही आई तो आइये इस एक उदाहरण से समझते हैं माना की एक व्यक्ति अपनी फैक्टरी में कुर्सी बनता हैं (इसे कहेगें प्रोडक्शन), व्यक्ति कुर्सी का निर्माण करने के बाद उसे थोक व्यापारी को बेच देता हैं तथा थोक व्यापारी इसे रिटेल व्यापारी को बेच देता हैं (इसे कहगें वितरण) और रिटेल व्यापारी बाद में इसे उपभोक्ता को बेच देता हैं(इसे कहगें उपभोग) पूरी अर्थव्यवस्था में इसी तरह प्रोडक्शन, वितरण और उपभोग की क्रिया होती है
अर्थव्यवस्था के प्रकार/Types of economy
अर्थव्यवस्था तीन प्रकार की होती हैं
- समाजवादी/साम्यवादी अर्थव्यवस्था (Socialism economy)
- पूंजीवादी अर्थव्यवस्था (Capitalism Economy)
- मिश्रित अर्थव्यवस्था (Mixed economy)
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- समाजवादी अर्थव्यवस्था:- जिस अर्थव्यवस्था में उत्पादनों के साधनों पर सरकार(समाज) का अधिकार तथा वस्तुओ और सेवाओं का उत्पादन केवल समाज कल्याण के लिए होता हैं उसे समाजवादी अर्थव्यवस्था कहतें हैं चीन, रूस और नॉर्थ कोरिया ऐसे देश हैं जहाँ समाजवादी अर्थव्यवस्था हैं।
- पूंजीवादी अर्थव्यवस्था:- जिस अर्थव्यवस्था में उपदानों के साधनों पर निजी व्यक्तियों का अधिकार होता हैं तथा वस्तु की कीमत बाजार निश्चित करता है उसे पूंजीवादी अर्थव्यवस्था कहतें हैं, यानी की साधारण शब्दो में कहूं तो जिस अर्थव्यवस्था में उत्पादन में सरकार की कम भूमिका होती हैं उसे पूंजीवादी अर्थव्यवस्था कहतें हैं। अमेरिका, यूरोप ऐसे देश हैं जहाँ पूंजीवादी अर्थव्यवस्था पाई जाती हैं
- मिश्रित अर्थव्यवस्था:- जिस अर्थव्यवस्था में पूंजीवादी तथा समाजवादी अर्थव्यवस्था दोनों के गुण पाए जाते हैं उसे मिश्रित अर्थव्यवस्था कहतें हैं इस अर्थव्यवस्था की विशेषता यह है की समाज की मूलभूत चीजो की पूर्ति सरकार द्वारा की जाती हैं और साथ में निजी व्यक्तियों के द्वारा भी मुहिया करवाई जाती हैं उदाहरण के लिए अपने देश भारत में चिकित्सा, शिक्षा, रेल परिवहन, खाद्य सामग्री(उचित मूल्य का राशन) सरकार द्वारा कम कीमत में या मुफ्त में उपलब्ध करवाॅंए जाते हैं
आज हमने जाना की अर्थव्यवस्था क्या होती हैं और कैसे काम करती हैं और बाकी के सवालों का जवाब आगे आने वाले ब्लॉग में मिलेगा तो बने रहिए हमारे साथ।
जय हिंद